सीरिया में मिला दुनिया का सबसे प्राचीन वर्णमाला लेखन, पुरातत्वविदों का दावा

अमेरिकी पुरातत्वविदों ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया का अब तक का सबसे प्राचीन वर्णमाला लेखन खोजा है। यह खोज सीरिया के एक प्राचीन मकबरे से की गई है, और इसे भाषा और लेखन के विकास के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
क्या है यह खोज?
यह प्राचीन लेखन लगभग 2,400 ईसा पूर्व का है, जो अब तक ज्ञात किसी भी अन्य वर्णमाला लेखन से करीब 500 साल पुराना है। ये लेखन छोटी मिट्टी की सिलेंडर जैसी वस्तुओं पर उकेरे गए हैं। ये सिलेंडर उंगली के आकार के हैं और इनमें छोटे-छोटे छिद्र बने हुए हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें किसी अन्य वस्तु से जोड़कर लेबल के रूप में उपयोग किया गया होगा।
क्या लिखा है इन सिलेंडरों पर?
पुरातत्वविदों का मानना है कि इन सिलेंडरों पर किसी जहाज या कंटेनर की सामग्री का विवरण लिखा गया हो सकता है। यह प्राचीन लेखन एक प्रारंभिक वर्णमाला प्रणाली का हिस्सा हो सकता है, जो भाषा के क्रमिक विकास को दर्शाता है।
क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण?
यह खोज इसलिए अहम है क्योंकि यह इस बात का प्रमाण देती है कि वर्णमाला लेखन प्रणाली का विकास हमारी सोच से कहीं पहले शुरू हो चुका था। इससे यह भी पता चलता है कि उस समय लोग वस्तुओं को पहचानने और उनका रिकॉर्ड रखने के लिए उन्नत तरीकों का उपयोग कर रहे थे।
कैसे हुई यह खोज?
यह लेखन सीरिया के एक प्राचीन मकबरे से खोजा गया है। इन मिट्टी के सिलेंडरों को देखकर ऐसा लगता है कि ये मकबरे में रखी वस्तुओं को पहचानने के लिए लेबल के रूप में उपयोग किए गए होंगे। सिलेंडरों पर उकेरे गए प्रतीक और अंक भाषा के प्रारंभिक रूप को दर्शाते हैं, जो बाद में विकसित होकर आधुनिक वर्णमाला का आधार बने।
भविष्य के अध्ययन के लिए नई राहें
पुरातत्वविद इस खोज को ऐतिहासिक और भाषाई अध्ययन के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं। इन सिलेंडरों पर उकेरे गए प्रतीकों का अध्ययन यह समझने में मदद करेगा कि उस समय के लोग किस प्रकार का संचार और रिकॉर्डिंग प्रणाली का उपयोग करते थे।
इतिहास का नया पन्ना
यह खोज न केवल लेखन और भाषा के विकास के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्राचीन सभ्यताएं कितनी उन्नत थीं। ऐसे समय में जब तकनीकी और लेखन प्रणाली अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी, यह खोज इन प्राचीन सभ्यताओं की बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता का प्रतीक है।
सीरिया के इस मकबरे से मिली यह प्राचीन धरोहर आने वाले वर्षों में इतिहासकारों और भाषाशास्त्रियों के लिए शोध का एक महत्वपूर्ण विषय बन सकती है। यह खोज हमें हमारे अतीत को समझने और भाषा के विकास की कहानी को विस्तार से जानने का अवसर प्रदान करती है।
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