पाकिस्तान की ‘फॉलो मोदी’ रणनीति
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के अडमपुर एयरबेस का दौरा किया, जहां उन्होंने भारत की सैन्य ताकत और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तस्वीरें साझा कीं। इसके ठीक एक दिन बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अपने देश की सियालकोट की पासरूर छावनी का दौरा किया।
यह कदम साफ तौर पर भारत की नकल लग रहा है, जिस पर सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी नेतृत्व की खूब खिल्ली उड़ाई जा रही है।
पाकिस्तान का झूठा दावा और मोदी का जवाब
इससे पहले, पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के अडमपुर एयरबेस में तैनात S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया है। लेकिन, PM मोदी ने खुद इस एयरबेस का दौरा करके S-400 सिस्टम के सामने खड़े होकर तस्वीरें पोस्ट कीं, जिससे पाकिस्तान का दावा झूठा साबित हो गया।
अब शहबाज शरीफ का छावनी दौरा एक तरह से ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिश लग रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे पाकिस्तान की ‘नकलची’ रणनीति बताया है।
सोशल मीडिया पर तंज- “न कोई गहराई, न कोई नई सोच!”
एक्स (पहले ट्विटर) पर यूजर्स ने शहबाज शरीफ के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा – “भारत जो करता है, पाकिस्तान बिना सोचे-समझे वही करने लगता है। न कोई गहराई, न कोई नई सोच!”
कई अन्य यूजर्स ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान की पूरी रणनीति ही भारत की नकल करने पर टिकी हुई है।
क्या पाकिस्तान में असली नेतृत्व की कमी है?
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भारत के कदमों की नकल की है। पहले भी भारत के सैन्य, अंतरिक्ष और तकनीकी उपलब्धियों के बाद पाकिस्तान ने ऐसे ही प्रतीकात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन बिना किसी ठोस नतीजे के।
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की राजनीति और विदेश नीति में कोई मौलिकता नहीं है, जिसकी वजह से वह हमेशा भारत के कदमों पर प्रतिक्रिया देता नजर आता है।
निष्कर्ष: नकल से नहीं चलेगा!
शहबाज शरीफ का छावनी दौरा भले ही उनकी सरकार के लिए एक प्रतीकात्मक कदम हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पाकिस्तान को भारत की नकल करने की बजाय अपनी आर्थिक और सैन्य स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
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