8वें वेतन आयोग से पहले जानें: कैसे तय होता है बेसिक वेतन?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th CPC) का गठन जल्द होने वाला है। इससे पहले, आइए जानते हैं कि पिछले वेतन आयोगों ने कैसे तय किया था बेसिक वेतन और कैसे 5वें से 7वें वेतन आयोग तक न्यूनतम वेतन में 605% की बढ़ोतरी हुई।
5वें वेतन आयोग (1996) – ₹2,550 से शुरुआत
5वें वेतन आयोग ने ‘कॉन्स्टेंट रिलेटिव इनकम अप्रोच’ का इस्तेमाल किया। इसका मकसद था कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन देश की आर्थिक स्थिति के अनुसार बढ़े।
- 4वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन था ₹750।
- 5वें वेतन आयोग ने इसमें DA (₹1,110) जोड़कर ₹1,860 बनाया।
- फिर 30.9% की बढ़ोतरी करके ₹2,440 किया गया।
- अंतिम रूप से लागू हुआ ₹2,550 (1996 में)।
6वें वेतन आयोग (2006) – ₹7,000 तक पहुंचा वेतन
6वें वेतन आयोग ने 1957 की 15वीं इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस (ILC) के मानकों को आधार बनाया। इसमें कर्मचारियों की बुनियादी जरूरतों (शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन आदि) को ध्यान में रखा गया।
- गणना के बाद न्यूनतम वेतन ₹5,479 तय हुआ।
- स्किल फैक्टर को जोड़कर ₹6,660 किया गया।
- लागू होने पर ₹7,000 प्रति महीना (2006 में) कर दिया गया।
7वें वेतन आयोग (2016) – ₹18,000 तक बड़ी छलांग
7वें वेतन आयोग ने भी ILC मानकों को ही आधार बनाया, लेकिन इसमें महंगाई और जीवन स्तर को ज्यादा ध्यान में रखा गया।
- 6वें वेतन आयोग (₹7,000) के मुकाबले 2.57 गुना बढ़ोतरी।
- नया न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति महीना (2016 में) तय हुआ।
- 5वें वेतन आयोग (₹2,550) के मुकाबले 605% की वृद्धि!
7वें वेतन आयोग ने कहा:
“₹18,000 का न्यूनतम वेतन उचित है, जो सबसे निचले स्तर के कर्मचारी को भी एक सम्मानजनक जीवन स्तर देगा।”
8वें वेतन आयोग की तैयारी – क्या होगा नया वेतन?
अब 8वें वेतन आयोग की बारी है, जिसके 2026 तक गठन की उम्मीद है। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि:
- न्यूनतम वेतन ₹26,000 किया जाए।
- फिटमेंट फॉर्मूला में बदलाव हो।
- महंगाई भत्ता (DA) और बेहतर हो।
क्या हो सकता है नया फॉर्मूला?
- ILC मानकों के साथ-साथ वर्तमान महंगाई दर को ध्यान में रखा जाएगा।
- निजी क्षेत्र के वेतनों से तुलना भी की जा सकती है।
- कर्मचारियों की जीवनशैली में बदलाव को भी शामिल किया जा सकता है।
निष्कर्ष: क्या 8वां वेतन आयोग फिर बदलेगा गेम?
5वें से 7वें वेतन आयोग तक केंद्रीय कर्मचारियों का बेसिक वेतन ₹2,550 से बढ़कर ₹18,000 हो चुका है। अब 8वें वेतन आयोग से उम्मीद है कि यह और बड़ी छलांग लगाएगा। क्या इस बार ₹26,000 या उससे ज्यादा होगा न्यूनतम वेतन? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है – केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वाह एक बार फिर चर्चा में होने वाली है!
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