Nifty 50 का FY25: उतार-चढ़ाव भरा सफर, FY26 में क्या मिलेगा बड़ा रिटर्न? एक्सपर्ट्स की राय
भारतीय शेयर बाजार के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) एक रोलरकोस्टर राइड की तरह रहा। Nifty 50 ने साल की शुरुआत में जबरदस्त तेजी दिखाई, लेकिन बाद के महीनों में गिरावट ने निवेशकों को झटका दिया। आखिरकार, साल के अंत में इंडेक्स ने मामूली 5.34% की बढ़त दर्ज की। लेकिन सवाल यह है कि क्या FY26 में बाजार बेहतर प्रदर्शन करेगा? आइए, पूरी कहानी समझते हैं।

Nifty 50 का FY25: पहले उछाल, फिर गिरावट
पहली छमाही (H1FY25): बुल रन जारी
- Nifty 50 ने अप्रैल-सितंबर 2024 के बीच 16% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की।
- जून 2024 में इंडेक्स ने नया रिकॉर्ड 26,277.35 छुआ।
- तेजी की वजह: मजबूत आर्थिक विकास, FII निवेश और रिटेल निवेशकों का जोश।
दूसरी छमाही (H2FY25): मार्केट ने दिखाया गुस्सा
- अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक Nifty 50 लगातार 5 महीने लाल रहा – यह 1996 के बाद सबसे लंबी गिरावट थी।
- इंडेक्स ने 9% की गिरावट देखी।
- कारण: कमजोर कॉर्पोरेट आय, वैल्यूएशन महंगे होना, FII बिकवाली और डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पॉलिसी से डर।
FY25 का अंत: सिर्फ 5.34% रिटर्न
- FY24 में Nifty 50 ने 25% का रिटर्न दिया था, लेकिन FY25 में सिर्फ 5.34% ही मिला।
- इंडेक्स अपने पीक लेवल से अभी भी 10.5% नीचे है।
कौन से स्टॉक्स ने FY25 में बाजार को हिलाया?
टॉप लूजर्स: ये शेयर सबसे ज्यादा गिरे
- IndusInd Bank ➝ 58% गिरावट
- Jio Financial ➝ 36% गिरावट
- Tata Motors ➝ 32% गिरावट
- Adani Enterprises ➝ 28% गिरावट
- Hero MotoCorp ➝ 21% गिरावट
कुल मिलाकर, Nifty 50 के 21 स्टॉक्स लाल रहे, जिनमें से 11 ने 10% से ज्यादा गिरावट झेली।
टॉप गेनर्स: इन स्टॉक्स ने दिया शानदार रिटर्न
- Bharat Electronics ➝ 50% बढ़त
- Bharti Airtel ➝ 41% बढ़त
- Shriram Finance ➝ 39% बढ़त
- Mahindra & Mahindra ➝ 39% बढ़त
- Trent ➝ 35% बढ़त
- Eicher Motors ➝ 33% बढ़त
कुल 17 स्टॉक्स ने 10% से ज्यादा और 13 ने 20%+ रिटर्न दिया।
FY26 के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
मार्च 2025 में Nifty 50 में थोड़ी तेजी आई, लेकिन अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, FY26 में निम्न फैक्टर्स मार्केट को प्रभावित करेंगे:
1. ग्लोबल अनिश्चितता: ट्रंप का टैरिफ इफेक्ट
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है।
- अगर ट्रेड वॉर बढ़ता है, तो भारतीय बाजार पर दबाव बनेगा।
2. FII फ्लो: क्या विदेशी निवेशक वापस आएंगे?
- FY25 में FIIs ने भारी बिकवाली की, जिससे बाजार गिरा।
- अगर FY26 में FIIs वापस आते हैं, तो तेजी आ सकती है।
3. वैल्यूएशन अभी भी महंगे?
- मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स अभी भी महंगे हैं।
- अगर कंपनियों की आय (earnings) नहीं बढ़ती, तो और गिरावट आ सकती है।
4. लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए पॉजिटिव फैक्टर्स
- भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है।
- बैंकों और कॉर्पोरेट्स का बैलेंस शीट बेहतर हुआ है।
- सरकारी नीतियां (policy reforms) अच्छी हैं।
ICICI Prudential Mutual Fund के सीनियर फंड मैनेजर मितुल कलावाडिया कहते हैं:
“भारतीय शेयर बाजार में वॉलैटिलिटी बनी रहेगी। वैल्यूएशन थोड़े ठंडे हुए हैं, लेकिन मिड और स्मॉल-कैप अभी भी महंगे हैं। लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए संरचनात्मक सुधार (structural reforms) सहायक हैं, लेकिन नजदीकी समय में ट्रेड टेंशन और लिक्विडिटी चिंताएं बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।”
निवेशकों के लिए सलाह: FY26 में क्या करें?
- डायवर्सिफाई करें – सिर्फ लार्ज-कैप पर निर्भर न रहें, मिड और स्मॉल-कैप में भी समझदारी से निवेश करें।
- लॉन्ग-टर्म फोकस – शॉर्ट-टर्म वॉलैटिलिटी से घबराएं नहीं, अच्छे स्टॉक्स को होल्ड करें।
- FII एक्टिविटी पर नजर – अगर विदेशी निवेशक वापस आते हैं, तो बाजार को सपोर्ट मिलेगा।
- कमजोर आय वाली कंपनियों से बचें – जिन कंपनियों के earnings कमजोर हैं, उनमें जोखिम न लें।
निष्कर्ष: FY26 में क्या उम्मीद रखें?
FY25 की तरह FY26 भी उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। हालांकि, अगर ग्लोबल हेडविंड्स कम होते हैं और घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत रहती है, तो Nifty 50 10-15% का रिटर्न दे सकता है। निवेशकों को धैर्य रखने और सही स्टॉक्स चुनने की जरूरत है।
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