इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार ने जोरदार तेजी दिखाई, जहां निफ्टी 50 और सेंसेक्स ने फरवरी 2021 के बाद से सबसे मजबूत साप्ताहिक प्रदर्शन किया। लेकिन असली सितारे रहे निफ्टी स्मॉलकैप 250 और मिडकैप 100, जिन्होंने लार्ज-कैप इंडेक्स को पीछे छोड़ते हुए क्रमशः 8% और 7% की बढ़त दर्ज की।
बाजार में तेजी का कारण
निफ्टी 50 और सेंसेक्स ने इस हफ्ते लगभग 4% की बढ़त दर्ज की, जो सितंबर के उच्च स्तर से 14% गिरने के बाद निवेशकों के लिए राहत भरी खबर साबित हुई। कोटक ऑल्टरनेट एसेट मैनेजर्स की सीईओ लक्ष्मी अय्यर ने कहा, “हम निफ्टी 50 के उच्च स्तर से अधिक स्थिर क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन क्या यह अभी भी सस्ता सौदा है? नहीं, इसमें अभी समय लगेगा। निवेशकों को अब स्टॉक्स का चयन करना शुरू करना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि बाजार के अपने उतार-चढ़ाव होंगे, लेकिन निवेशकों को अल्पकालिक कारकों से प्रभावित नहीं होना चाहिए, क्योंकि अभी भी चुनौतियां अवसरों से अधिक हैं।
रुपये में मजबूती और FII का समर्थन
निवेशकों के लिए एक और सकारात्मक संकेत रुपये की मजबूती से आया, जो इस हफ्ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.97 तक पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि रुपया जनवरी के बाद पहली बार 86 के स्तर से ऊपर आया है। यह मजबूत व्यापार आंकड़ों और आरबीआई की डॉलर/रुपया स्वैप हस्तक्षेप से मिली मदद के कारण हुआ है।
रुपये की मजबूती ने विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय शेयरों को और आकर्षक बना दिया है, क्योंकि डॉलर में कमजोरी से उन्हें मुनाफे को डॉलर में बदलने पर बेहतर रिटर्न मिलता है। इसके अलावा, रुपये की मजबूती से मुद्रा जोखिम कम होता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार और स्थिर निवेश विकल्प बन जाता है।
FII और DII का रुख
इस हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पांच में से तीन सत्रों में भारतीय शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) गुरुवार और शुक्रवार को छोड़कर शुद्ध खरीदार रहे। नुवामा ऑल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया ने कहा कि इस हफ्ते बाजार में FII का पैसा FTSE इंडेक्स रीजग से पहले भारत में आया। उन्होंने कहा, “21 मार्च को FTSE रीजग के साथ, हम अनुमान लगा रहे हैं कि शुक्रवार को अकेले भारत में $1.2 बिलियन का पैसिव इनफ्लो आएगा।”
सेक्टोरल प्रदर्शन
इस हफ्ते एनएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिसमें निफ्टी रियल्टी ने लगभग 8% की बढ़त के साथ अगुवाई की। निफ्टी मीडिया और निफ्टी हेल्थकेयर ने क्रमशः 7.6% और 7.1% की बढ़त दर्ज की। वहीं, निफ्टी आईटी और एफएमसीजी ने सबसे कम बढ़त दिखाई, जो क्रमशः 1.6% और 2.1% रही।
एशिया-पैसिफिक बाजारों से तुलना
भारतीय शेयर बाजार ने इस हफ्ते एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के अन्य बाजारों को पीछे छोड़ दिया। जहां निफ्टी 50 ने लगभग 4% की बढ़त दर्ज की, वहीं जापान का निक्केई सिर्फ 1% ऊपर रहा, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.4% और सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स 2% ऊपर रहा। वहीं, चीन का हांग सेन्ग और सीएसआई 300 में 2% की गिरावट दर्ज की गई।
निवेशकों के लिए सावधानी
मॉर्गन स्टेनली वेल्थ मैनेजमेंट के अनुसार, अमेरिकी डॉलर की गति एमर्जिंग मार्केट्स (चीन को छोड़कर) के लिए दूसरी छमाही में रिबाउंड का रास्ता खोल सकती है, जिसमें ब्राजील, भारत और मैक्सिको को संभावित लाभार्थी के रूप में चिह्नित किया गया है।
हालांकि, पिछले छह हफ्तों में विदेशी फंड्स ने एमर्जिंग मार्केट्स में अधिकांश निवेश चीन और हांगकांग की ओर किया है, जो चीन की ओर एक स्पष्ट बदलाव को दर्शाता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार ने इस हफ्ते जोरदार तेजी दिखाई, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। विदेशी निवेशकों का समर्थन और रुपये की मजबूती ने बाजार को सहारा दिया है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताएं और टैरिफ संबंधी मुद्दे भविष्य में चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। निवेशकों को अब स्टॉक्स का चयन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और लंबी अवधि के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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