दर्दनाक हादसा: रफ्तार ने ली नौ जानें
राजस्थान के फलोदी जिले में भारतमाला हाईवे पर एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें कम से कम नौ ऊंटों की मौत हो गई। इनमें एक गर्भवती ऊंटनी भी शामिल थी। इसके अलावा दो ऊंट गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा तब हुआ जब ऊंटों का एक झुंड हाईवे पार कर रहा था। माना जा रहा है कि एक तेज रफ्तार वाहन ने ऊंटों से टक्कर मार दी, जिसके बाद वह वाहन फरार हो गया।
स्थानीय लोगों में गुस्सा, हाईवे जाम कर विरोध
इस घटना से स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया। ग्रामीणों ने हाईवे को करीब ढाई घंटे तक जाम कर दिया और प्रशासन से मुआवजे और सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि हाईवे पर अक्सर ऊंट और अन्य पशु आवाजाही करते हैं, लेकिन वाहन चालक गति सीमा का पालन नहीं करते, जिससे ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।
क्या है भारतमाला हाईवे का मामला?
भारतमाला परियोजना देश के प्रमुख हाईवे नेटवर्क में से एक है, जिसका उद्देश्य बेहतर सड़क संपर्क सुनिश्चित करना है। लेकिन इसके निर्माण के बाद से ही कई जगहों पर पशुओं के लिए खतरा बढ़ गया है। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में ऊंटों का आवागमन आम बात है, लेकिन तेज रफ्तार वाहनों के कारण उनकी जान को खतरा बना रहता है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फरार वाहन की तलाश जारी है। प्रशासन ने मृत ऊंटों के मालिकों को मुआवजा देने का वादा किया है। साथ ही, हादसे को रोकने के लिए हाईवे पर स्पीड लिमिट सख्त करने और वाइल्डलाइफ क्रॉसिंग के संकेत लगाने पर विचार किया जा रहा है।
पशु संरक्षण की बड़ी चुनौती
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि क्या हमारी सड़कें पशुओं के लिए सुरक्षित हैं? राजस्थान जैसे राज्यों में, जहां ऊंट स्थानीय अर्थव्यवस्था और संस्कृति का अहम हिस्सा हैं, ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। क्या वाहन चालकों को जागरूक करने और स्पीड ब्रेकर बनाने जैसे उपायों से ऐसी त्रासदियों को टाला जा सकता है?
इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और पशु संरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से उठाने की जरूरत को रेखांकित किया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करता है।
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