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मुर्शिदाबाद हिंसा: हिंदुओं को भागने पर मजबूर करने वाली घटनाओं के बाद जले और तोड़े-फोड़े गए घर

वीडियो सामने आया, दंगाइयों ने लूटपाट और आगजनी की

एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के ढुलियान इलाके में जले हुए और तोड़-फोड़ किए गए घर दिखाई दे रहे हैं। यह हिंसा 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ अज्ञात लोगों ने हिंदू बहुल इलाकों में हमला करके घरों को आग लगा दी और दुकानों को लूट लिया। इसके बाद कई हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भागना पड़ा।

हालात क्यों बिगड़े? वक्फ एक्ट विरोध प्रदर्शन हुआ हिंसक

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाने वाले इस कानून से मुस्लिम समुदाय के अधिकार प्रभावित होंगे। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई और कुछ उग्र लोगों ने हिंदू बस्तियों को निशाना बनाया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि भीड़ ने पत्थरबाजी की, दुकानों को तोड़ा और कई घरों में आग लगा दी।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई, स्थिति पर काबू पाया गया

घटना के बाद पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की टीमें मौके पर पहुंचीं। प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की। जिला प्रशासन ने दावा किया कि अब स्थिति नियंत्रण में है और दोनों समुदायों के बीच शांति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पीड़ित परिवारों की दर्दभरी कहानी

घटना से प्रभावित कई परिवारों ने बताया कि उन्हें रातोंरात अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। एक पीड़ित ने कहा, “हमारे घर में आग लगा दी गई, हमारी दुकान लूट ली गई। हमारे पास कुछ नहीं बचा।” कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे हिंसा बढ़ गई।

राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप

इस घटना पर राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है, जबकि टीएमसी ने कहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काई है।

क्या अब स्थिति सामान्य होगी?

प्रशासन ने शांति बैठकें बुलाई हैं और दोनों समुदायों के नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, स्थानीय लोग अभी भी डरे हुए हैं और सुरक्षा बलों के सामने खड़े होने तक अपने घर लौटने से हिचकिचा रहे हैं।

निष्कर्ष

मुर्शिदाबाद की यह घटना एक बार फिर सांप्रदायिक सद्भाव के लिए चुनौती बनकर उभरी है। सरकार और प्रशासन को न केवल दोषियों को पकड़ने की जरूरत है, बल्कि पीड़ितों को मुआवजा और सुरक्षा देने की भी आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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