सिंधु जल समझौता रद्द – क्या है पूरा मामला?
भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच नदियों के पानी के बंटवारे से जुड़ा था। इसके तहत तीन पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी, सतलज) का पानी भारत के हिस्से में आता है, जबकि तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) का अधिकार पाकिस्तान को मिला हुआ था।
लेकिन पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत में हमले करवाने की वजह से भारत ने यह बड़ा फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों ने इस समझौते की भावना को खत्म कर दिया है।”
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ी कार्रवाई
इस फैसले से कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करके पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत वापस भेजने के निर्देश दिए।
- SVES वीजा (स्त्रियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष वीजा) वाले पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने को कहा गया है।
- BSF ने अटारी बॉर्डर पर ‘रिट्रीट सेरेमनी’ में बदलाव किया – अब भारतीय सैनिक पाकिस्तानी कमांडर से हाथ नहीं मिलाएंगे और गेट बंद रहेंगे।
LOC पर फायरिंग, सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय चौकियों पर फायरिंग की, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करके उन्हें पीछे धकेल दिया। इस झड़प में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
अमेरिका में भारतीय दूतावास ने दिया स्पष्टीकरण
अमेरिका में भारतीय दूतावास ने मीडिया को बताया कि “सिंधु जल समझौता 1960 में दोस्ती की भावना से हुआ था, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद फैलाकर इस भरोसे को तोड़ दिया। भारत अब एक ऐसे देश के साथ सहयोग नहीं कर सकता जो निर्दोष लोगों की हत्या करवाता है।”
क्या होगा अब?
- भारत अब पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) के पानी पर अपना अधिकार जताएगा।
- पाकिस्तान को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ये नदियां वहां तक भारत से होकर ही जाती हैं।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि और खराब होगी।
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