हाल ही में सोशल मीडिया पर एक दावा किया गया कि तुर्की के टूरिज्म विभाग ने भारतीयों से अपने देश में छुट्टियां बिताने का आग्रह किया है। यह पोस्ट तब वायरल हुई जब तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया। इसके बाद भारत में राजनीतिक हल्कों में तुर्की के प्रति नाराजगी देखने को मिली।
शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने दिया जवाब: “नो तुर्कीये… भारतीय पैसा उस देश में नहीं लगाएंगे जो पाकिस्तान को हथियार देता है”
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “भारतीय पर्यटकों का पैसा तुर्की की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, लेकिन यही पैसा वहां की सरकार पाकिस्तान को हथियार देने में इस्तेमाल करती है। हमें ऐसे देश में टूरिज्म के लिए पैसा खर्च नहीं करना चाहिए।”
कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने डेस्टिनेशन वेडिंग्स पर लगाई रोक की मांग
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री राजीव शुक्ला ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “भारतीयों को तुर्की में डेस्टिनेशन वेडिंग्स और लग्जरी टूरिज्म पर रोक लगानी चाहिए। हमें उन देशों को आर्थिक फायदा नहीं पहुंचाना चाहिए जो हमारे दुश्मनों का साथ देते हैं।”
क्या तुर्की वाकई पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करता है?
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा सौदों का लंबा इतिहास रहा है। तुर्की की कंपनी “बेयकर” ने पाकिस्तानी नौसेना के लिए विभिन्न हथियार सिस्टम सप्लाई किए हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सैन्य प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास भी होते रहते हैं।
क्या भारतीयों को तुर्की जाना चाहिए?
इस मामले में जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग मानते हैं कि पर्यटन और राजनीति को अलग रखना चाहिए, जबकि दूसरों का कहना है कि देशभक्ति के नाते तुर्की जैसे देशों में पैसा खर्च नहीं करना चाहिए।
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