वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने 175 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) की लागत वाला एक नया मिसाइल डिफेंस सिस्टम “गोल्डन डोम” (Golden Dome) पेश किया है, जो अमेरिका को दुनिया के किसी भी कोने से होने वाले मिसाइल हमलों से बचाने में सक्षम होगा।
क्या है ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
ट्रम्प ने इस नए सिस्टम के बारे में बताते हुए कहा,
“एक बार पूरी तरह से तैयार होने के बाद, यह सिस्टम दुनिया के किसी भी कोने से लॉन्च की गई मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगा। यहां तक कि अगर मिसाइल अंतरिक्ष से भी छोड़ी जाए, तो भी ‘गोल्डन डोम’ उसे नष्ट कर देगा। यह हमारे देश की सफलता और यहां तक कि अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है।”
इस सिस्टम का नाम “गोल्डन डोम” (स्वर्ण गुंबद) रखा गया है, जो शायद इसकी ऊंची तकनीकी क्षमता और अमेरिका की सुरक्षा को एक मजबूत छतरी (Dome) प्रदान करने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
क्यों जरूरी है यह नया डिफेंस सिस्टम?
ट्रम्प ने इस सिस्टम की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया में मिसाइल तकनीक तेजी से विकसित हो रही है और कई देशों के पास अब लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर कोरिया, ईरान और चीन जैसे देशों की बढ़ती सैन्य ताकत का जिक्र किया।
ट्रम्प ने कहा,
“हमें एक ऐसी तकनीक चाहिए जो किसी भी प्रकार के मिसाइल हमले को फेल कर सके। ‘गोल्डन डोम’ हमारे देशवासियों को सुरक्षा का एहसास दिलाएगा।”
क्या यह सिस्टम वाकई इतना प्रभावी होगा?
अमेरिका पहले से ही “थाड” (THAAD) और “आयरन डोम” (Iron Dome) जैसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता आया है, लेकिन ‘गोल्डन डोम’ को इनसे कहीं ज्यादा शक्तिशाली और व्यापक रेंज वाला बताया जा रहा है।
- इसमें एडवांस्ड रडार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल होगा, जो दुश्मन मिसाइलों को पहचान कर उन्हें मार गिराने में सक्षम होगा।
- यह सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइलों (Hypersonic Missiles) को भी ट्रैक कर सकेगा, जो आज के समय में सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती मानी जाती हैं।
- इसकी रेंज इतनी बड़ी होगी कि यह अंतरिक्ष से आने वाले खतरों को भी न्यूट्रलाइज कर सकेगा।
क्या इस पर विवाद भी हो रहा है?
जहां ट्रम्प इस सिस्टम को “अमेरिका की सुरक्षा के लिए जरूरी” बता रहे हैं, वहीं कुछ विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं:
- क्या 175 अरब डॉलर खर्च करना सही है? – कुछ लोगों का मानना है कि इतना पैसा स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाना चाहिए।
- क्या यह तकनीक वाकई काम करेगी? – पहले भी कई बार अमेरिका के मिसाइल डिफेंस सिस्टम टेस्ट फेल हुए हैं।
- क्या इससे अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ेगा? – रूस और चीन जैसे देश इसे अमेरिका की सैन्य ताकत बढ़ाने की कोशिश मान सकते हैं।
निष्कर्ष: क्या अमेरिका सच में सुरक्षित होगा?
ट्रम्प का यह ऐलान निश्चित रूप से अमेरिका की सैन्य ताकत को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर ‘गोल्डन डोम’ सच में उतना प्रभावी होता है जितना दावा किया जा रहा है, तो यह अमेरिका को मिसाइल हमलों के खिलाफ एक अजेय सुरक्षा कवच दे सकता है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या इतना बड़ा बजट इस प्रोजेक्ट पर खर्च करना सही है? क्या यह तकनीक वाकई काम करेगी? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे।
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