भारत में बनने वाले आईफोन पर मंडराया खतरा?
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी ऐपल के सामने एक बड़ा फैसला है—क्या वह आईफोन की असेंबली (निर्माण) भारत से अमेरिका शिफ्ट करेगी? अगर ऐसा होता है, तो इससे ऐपल के प्रॉफिट मार्जिन पर भारी असर पड़ सकता है। फिलहाल, ऐपल अपने *15% आईफोन भारत में बना रहा है, लेकिन हर फोन पर भारत को *$30 (लगभग 2,500 रुपये) से भी कम** की कमाई होती है। वहीं, अमेरिका जैसे देश ब्रांडिंग, सॉफ्टवेयर और कंपोनेंट्स के जरिए ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
अमेरिका की चाहत: “नौकरियां वापस लाओ”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से यह मांग करते रहे हैं कि *अमेरिकी कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स वापस अमेरिका ले आएं। उनका मानना है कि इससे अमेरिका में रोजगार बढ़ेगा। अब ऐपल पर दबाव बन रहा है कि वह आईफोन की असेंबली अमेरिका में शुरू करे। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे ऐपल को *भारी नुकसान हो सकता है।
भारत को कितना फायदा?
भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनियों को PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के तहत सब्सिडी मिलती है, जिससे ऐपल को फायदा होता है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के मुताबिक, “भारत को हर आईफोन पर $30 से भी कम मिलता है, जबकि असली मुनाफा डिजाइन, सॉफ्टवेयर और हाई-टेक कंपोनेंट बनाने वाले देशों को होता है।”
$1,000 के आईफोन में किस देश को कितना हिस्सा?
- अमेरिका: $450 (ब्रांडिंग और सॉफ्टवेयर)
- ताइवान: $150 (चिप्स)
- दक्षिण कोरिया: $90 (OLED डिस्प्ले और मेमोरी चिप्स)
- जापान: $85 (कैमरा कंपोनेंट्स)
- भारत/चीन: सिर्फ $30 (असेंबली)
अमेरिका में उत्पादन महंगा, ऐपल के मुनाफे पर खतरा
अगर ऐपल आईफोन की असेंबली अमेरिका में शुरू करता है, तो उसे कर्मचारियों को भारत से 10 गुना ज्यादा वेतन देना होगा।
- भारत: $290 प्रति कर्मचारी/महीना
- अमेरिका: $2,900 प्रति कर्मचारी/महीना (मिनिमम वेज के कारण)
इससे हर आईफोन की असेंबली की लागत $30 से बढ़कर $390 तक पहुंच सकती है। अगर ऐपल अपने मुनाफे ($450 प्रति फोन) को बचाना चाहेगा, तो उसे आईफोन की कीमत बढ़ानी पड़ेगी, जो अमेरिकी ग्राहकों को पसंद नहीं आएगा।
भारत के लिए नई संभावनाएं?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐपल भारत छोड़ता है, तो यहां की सरकार हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग (जैसे सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले टेक्नोलॉजी) पर फोकस कर सकती है, जिससे ज्यादा मुनाफा होगा। फिलहाल, भारत में 60,000+ लोग आईफोन असेंबली में काम करते हैं, जबकि चीन में 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं।
निष्कर्ष: ऐपल के सामने मुश्किल चुनाव
ऐपल को दो विकल्पों में से एक चुनना होगा:
- अमेरिका में उत्पादन शुरू करें → मुनाफा कम होगा, कीमतें बढ़ेंगी।
- भारत और चीन में ही उत्पादन जारी रखें → ट्रंप और अमेरिकी सरकार का गुस्सा झेलना पड़ेगा।
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