स्वर्ण मंदिर में सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला: सेवादारों ने बचाई जान, आरोपी गिरफ्तार
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब पूर्व शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर एक व्यक्ति ने गोली चलाने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई जब बादल धार्मिक सजा के तहत अकाल तख्त के निर्देशों का पालन करते हुए ‘सेवा’ कर रहे थे।
घटना का विवरण
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति बंदूक निकालता है और गोली चलाने का प्रयास करता है। हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने तत्परता दिखाते हुए हमलावर को तुरंत काबू कर लिया। सुखबीर सिंह बादल इस हमले में पूरी तरह सुरक्षित रहे, लेकिन यह घटना सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है।
धार्मिक सेवा के दौरान हमला
सुखबीर सिंह बादल हाल ही में अकाल तख्त द्वारा सुनाई गई धार्मिक सजा के तहत स्वर्ण मंदिर में सेवा दे रहे थे। यह सजा उनसे कुछ धार्मिक अनियमितताओं को लेकर माफी मांगने के बाद दी गई थी। घटना के दौरान, स्वर्ण मंदिर में काफी भीड़ थी, और वहां का माहौल अचानक डर और अफरातफरी में बदल गया।
हमलावर गिरफ्तार
हमले के आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और हमले के पीछे की वजहों का पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हमला व्यक्तिगत दुश्मनी या राजनीतिक कारणों से प्रेरित हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह जगह लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन यहां हुई इस तरह की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
सुखबीर सिंह बादल का बयान
घटना के बाद सुखबीर सिंह बादल ने इसे अपने जीवन का एक चुनौतीपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा, “मैं ईश्वर का शुक्रगुजार हूं कि मैं सुरक्षित हूं। यह घटना मुझे और मजबूती से अपने कर्तव्यों की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।”
राजनीतिक हलचल तेज
इस घटना ने पंजाब की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। शिरोमणि अकाली दल ने इसे सुनियोजित हमला बताते हुए इसकी सख्त निंदा की है और घटना की गहन जांच की मांग की है। वहीं, विपक्ष ने राज्य सरकार पर सुरक्षा में चूक का आरोप लगाया है।
आगे की कार्रवाई
पंजाब पुलिस इस घटना को गंभीरता से ले रही है और आरोपी से हमले की योजना और अन्य संभावित साजिशों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना न केवल धार्मिक स्थल की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजनीतिक और व्यक्तिगत रंजिशें किस हद तक बढ़ सकती हैं। सुखबीर सिंह बादल का सुरक्षित रहना एक राहत की बात है, लेकिन इस घटना ने कई चिंताजनक सवाल खड़े कर दिए हैं।

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